देश भर में कोरोना वैक्सीन टीकाकरण अभियान को रोकते हुए सरकार ने पोलियो ड्रॉप अभियान कुछ दिनों के लिए चलाया है जिसमें स्वास्थय कर्मियों की घोर लापरवाही से महाराष्ट्र के बच्चों की जान पर बात बन आई.दरअसल महाराष्ट्र के यवतमाल में 5 साल से कम उम्र वाले 12 बच्चों को तब अस्पताल में भर्ती कराना पड़ गया, जब सोमवार को उन्हें पोलियो ड्रॉप की जगह हैंड सैनिटाइज़र पिला दिया गया.यवतमाल जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीकृष्णा पांचाल ने इसकी जानकारी दी.

जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि अस्पताल में भर्ती बच्चे अब ठीक हैं और इस घटना से जुड़े 3 कर्मचारियों के अलावा 1 स्वास्थ्यकर्मी, 1 डॉक्टर और 1 आशा वर्कर को निलंबित किया जाएगा.आपको बता दें कि यवतमाल में 5 साल की उम्र से कम के 12 बच्चों को पोलियो ड्रॉप की बजाय हैंड सैनिटाइज़र दे दिया गया था. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था.जहां बच्चों की हालत अब पहले से बेहतर है.एक स्वास्थ्यकर्मी, एक डॉक्टर और एक आशा वर्कर को निलंबित किया जाएगा.इस मामले की जांच चल रही है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत पिछले एक दशक से पोलियो मुक्त है.आखिरी पोलियो का केस देश में 13 जनवरी, 2011 को दर्ज किया गया था. हालांकि, भारत पड़ोसी राज्यों, जैसे कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान जैसे देशों में पोलियो अभी भी एक मुख्य समस्या है, इसी के चलते भारत में फिर से पोलियो के केस शुरू होने की आशंकाओं को ध्यान में रखते हुए भारत देश अपने ड्राइव को लेकर सतर्क रहता है.

आपको बताते चलें कि ये घटना तब सामने आई है, जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 30 जनवरी को राष्ट्रपति भवन में 5 साल से कम उम्र के बच्चों को पोलियो की ड्रॉप पिलाकर 2021 की शुरूआत में नेशनल पोलियो इम्यूनाइज़ेशन ड्राइव लॉन्च किया है.

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