देश भर में कोरोना महामारी के दौरान और लगे रहे कई महीनों तक लॉकडाउन के चलते होटल और रेस्टोरेंट के व्यवसाइयों को सबसे ज्यादा मंदी के दौर से गुजरना पड़ा है.ऐसे मे एक तरफ जहां देश में कोरोना वैक्सीनेशन का काम तेजी से चल रहा है तो वहीं दूसरी तरफ लोगों का काम-धंधा भी पटरी पर आ चुका है.लेकिन इन सब के बावजूद अब अनलॉक के समय में भी सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों और संकोच की वजह से पहले की तरह ग्राहक होटलों और रेस्टोरेंट में आने से कतरा रहे हैं.

ऐसे में पुणे मे एक रेस्टोरेंट के मालिक ने ग्राहकों को लुभाने के लिए एक अनोखा तरीका अपनाया है. उनका ये तरीका इतना कामयाब हुआ कि अब उनके यहां ग्राहकों की लाइन लगी रहती है.आइए आपको बताते हैं कि रेस्टोरेंट मालिक ने ऐसा क्या तरीका अपनाया जिससे उनके यहां ग्राहकों की भारी भीड़ जमा हो रही है.

पुणे के वडगांव मावाल क्षेत्र में स्थित शिवराज रेस्टोरेंट के मालिक अतुल वाईकर ने अपने यहां आने वाले ग्राहकों के लिए एक अनूठी योजना की शुरुआत की है.इस योजना के अनुसार जो भी ग्राहक उनके रेस्टोरेंट की स्पेशल मांसाहारी थाली में परोसा गया सारा खाना खाएगा, उसे दो लाख रुपए कीमत की रॉयल एनफील्ड बुलेट बाइक इनाम में दी जाएगी.लेकिन इसके लिए उन्होंने कुछ शर्त भी रखी हैं. वो ये की पूरी थाली एक व्यक्ति को अकेले ही खानी है. साथ ही उसे पूरी थाली 60 मिनट के अंदर ही खत्म करनी होगी. ग्राहकों को लुभाने के लिए वाईकर ने अपने रेस्टोरेंट के बाहर 5 नयी रॉयल एंफील्ड बुलेट बाइक खड़ी कर रखी हैं.साथ ही अपने खाने के मेन्यू कार्ड में भी इस कॉन्टेस्ट के बारे में विस्तार से बताया हुआ है.

आपको बता दें कि उनकी इस बुलेट थाली की कीमत 2500 रुपये है जिसमें खाने के लिए आपको 12 तरह के व्यजंन परोसे जाएंगे. जिसमें तंदूरी चिकन, सूखा मटन, हरा मटन, चिकन मसाला और फ्राईड मछली आदि शामिल है.रेस्टोरेंट मालिक ने बताया कि इस बुलेट थाली का वजन लगभग 4 किलो है और 55 लोग मिलकर इस थाली को तैयार करते हैं. इसके अलावा इस रेस्टोरेंट में रावण थाली, मालवानी फिश थाली, पहलवान मटन थाली, बकासुर चिकन थाली और सरकार मटन थाली भी परोसी जाती है,जो अपने आप में ही एक अलग तरह के नाम हैं.

शिवराज रेस्टोरेंट के मालिक के अनुसार जब से इस तरीके को अपनाया गया है तभी से रेस्टोरेंट में आने वाले ग्राहकों मे केवल एक व्यक्ति ने इस बुलेट थाली को शर्तों के साथ पूरा खाया है और रॉयल एनफिल्ड बाइक जीतकर अपने नाम की है.
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