सरकार की ओर से ले जा रहे तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ बुलाया गया किसानों का चक्का जाम खत्म हो गया है.हरियाणा के फतेहाबाद में किसानों ने वाहनों के हॉर्न बजाकर चक्का जाम का कार्यक्रम समाप्त किया.दिल्ली,उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को छोड़कर अन्य सभी जगहों पर किसानों ने चक्का जाम के दौरान राजमार्गों को बंद किया था.प्रदर्शनकारी किसानों ने पलवल हाईवे समेत कई अन्य राजमार्गों को जाम किया.

किसानों की ओर से किए गए चक्का जाम के मद्देनजर दिल्ली को हाई अलर्ट पर रखा गया था.दिल्ली-एनसीआर में 50,000 के करीब जवानों की तैनाती की गई और लाल किले को छावनी में तब्दील कर दिया गया था. वहीं तितरम मोड़ पर भी हजारों की संख्या में पहुंचे किसानों ने नेशनल हाइवे को काफी देर तक जाम कर दिया.जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा.

आंदोलन में शामिल होने के लिए बच्चे, महिला और पुरुष पैदल, गाड़ियों और ट्रैक्टर ट्रालियों पर सवार होकर जाम स्थल पर पहुंचे.किसानों ने कहा कि जब तक कृषि कानून वापस नहीं होते तब तक आंदोलन जारी रहेगा.किसानों ने सरकार को चेतावनी देते हुए बता दिया है कि कितना ही लम्बा समय लगे, प्रदर्शन जारी रहेगा, अगर सरकार ये समझती है कि लंबे समय के चलते आंदोलन कमजोर होगा तो ये सरकार की बहुत बड़ी भूल है.

चक्का जाम के दौरान किसानों ने सोनीपत पर ईस्टर्न पेरिफेरेल एक्सप्रेस-वे बंद कर किया.किसानों ने अपने ट्रैक्टर और बड़े ट्रक लगाकर ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफ़ेरेल एक्सप्रेसवे बंद किया.वहीं किसानों ने अपनी अच्छी भावना का परिचय देते हुए रास्ते में आने-जाने वाली एंबुलेंस को रास्ता दिया.इसके अलावा किसान संगठनों के बुलावे पर चक्का जाम के दौरान, किसानों ने जम्मू-पठानकोट हाईवे, अमृतसर-दिल्ली नेशनल हाईवे, शाहजहांपुर (राजस्थान-हरियाणा) बॉर्डर के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्का जाम किया.

किसानों के चक्का जाम के बीच किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि आज चक्का जाम हर जगह शांतिपूर्ण तरीके से किया जा रहा है.अगर इस दौरान कही पर कोई भी अप्रिय घटना घटित होती है तो दोषियों को कड़ी सजा दी जायेगी.

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