उत्तर प्रदेश में एक तरफ जहां कोरोना के लगातार नए केस सामने आने से शासन प्रशासन की हालत खराब है तो वहीं कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान भी तेजी से चलाया जा रहा है जिससे कुछ हद तक कोरोना संक्रमितों की संख्या पर रोक लगाई जा सके.ताजा मामला उत्तर प्रदेश के शामली जिले का है जहां पर शामली के कांधला में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर कोरोना का टीका लगवाने गई तीन महिलाओं को एंटी रैबीज का टीका लगा देने की शिकायत सीएमओ से की गई है.हालांकि दोनों ही टीकाकरण अभियान अलग-अलग स्थानों पर चले जा रहे थे.

सीएमओ संजय अग्रवाल का कहना है कि परिजनों की शिकायत मिलने के बाद जांच के आदेश दिये गए हैं. मोहल्ला सरावज्ञान निवासी सरोज जिनकी उम्र 70 वर्ष है साथ ही नगर रेलवे मंडी निवासी अनारकली 72 वर्ष और सत्यवती 62 वर्ष के साथ सामुदायिक स्वास्थय केंद्र में कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगवाने गईं थीं. घर आने पर महिला सरोज को तेज चक्कर आने के साथ ही घबराहट होने लगी. जिसके बाद परिजन उसे निजी चिकित्सक के पास ले गए. चिकित्सक ने सीएचसी से दिए गए पर्चे को देखा तो उस पर एंटी रैबीज वैक्सीन लिखा हुआ था. बाद में अन्य दोनों महिलाओं के पर्चे देखे गए तो उन पर भी एंटी रैबीज टीका लगाने की ही बात लिखी हुई थी.

स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. बिजेंद्र सिंह का कहना है कि तीन महिलाओं को एंटी रैबीज लगाने का मामला संज्ञान में आने के बाद जांच के आदेश दिए गये हैं.वहीं सीएमओ संजय अग्रवाल का कहना है कि ऐसा संभव नहीं है,एंटी रैबीज और कोरोना टीकाकरण अलग-अलग स्थान पर हो रहा है. कोरोना सेंटर पर एंटी रैबीज का टीका होता ही नहीं है, दोनों जगह पर स्टाफ भी अलग-अलग होता है. महिलाएं गलती से एंटी रैबीज कक्ष में गई होंगी लेकिन मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है जिसकी जांच भी कराई जा रही है.

इस पूरे मामले पर जिलाधिकारी जसजीत कौर ने बताया कि एसडीएम कैराना सहित दो अधिकारियों को जांच के लिए लगाया गया हैं. दोनों अधिकारी आज अस्पताल में जांच और पीड़ित महिलाओं के बयान लेंगे.इसके बाद प्रकरण की जांच की जाएगी जिसमें जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी..
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