उत्तराखंड में मंगलवार को एक बार फिर बादल फटने की घटना सामने आई है. ताजा मामला टिहरी जिले के देवप्रयाग का है,यहां शाम करीब 5 बजे बादल फटने से कई दुकानें तबाह हो गईं,साथ ही तीन मंजिल ITI की इमारत भी धराशाई हो गई. बादल फटने से सांता नदी में उफान आ गया है, नदी के आसपास की 12-13 दुकानें पानी में बह गई हैं.स्थानीय लोगों का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से दुकानें बंद थी, इसलिए जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है.

आपको बता दें कि मई के महीने में बादल फटने की ये तीसरी घटना है, इससे पहले 3 मई को चमोली और 7 मई को नई टिहरी में बादल फटने की घटना हो चुकी है. 3 मई को चमोली जिले के घाट ब्लॉक में बिनसर पहाड़ी की तलहटी में तीन अलग-अलग जगहों पर बादल फटने की घटना हुई थी, जिससे घाट बाजार में तबाही मच गई थी. मलबे में 30 से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हो गए थे, जबकि 25 दुकानें भी नष्ट हो गई थीं.

इसके बाद 7 मई को नई टिहरी में जाखणीधार ब्लॉक के पिपोला में भी बादल फटने के कारण कई घरों-दुकानों में मलबा घुस गया था. गांव के करीब 16 मकान खतरे की जद में आ गए थे.

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा, अलकनंदा और भागीरथी नदियों के संगम स्थल देवप्रयाग में दैवीय आपदा की सूचना है.सीएम ने कहा कि ऊंची पहाड़ी में बादल फटने से देवप्रयाग में कई दुकानें और आवासीय भवन क्षतिग्रस्त हुए हैं. ईश्वर की कृपा है कि इस प्राकृतिक घटना में कोई जनहानि नहीं हुई है.

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने देवप्रयाग का दौरा कर वहां बादल फटने से हुए नुकसान का जायजा लिया,जिसके बाद उन्होंने अधिकारियों से नुकसान का आकलन करने और दुकानों को हुए नुकसान की भरपाई की बात भी कही है. मुख्यमंत्री ने टूटी पुलिया को बनाने और रास्ता साफ करने को भी कहा.

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