बिकरू कांड में आरोपित दुर्दांत अपराधी विकास दुबे के साथ उसके साथियों के एनकाउंटर मामले पर उठ रहे सभी सवालों पर विराम लग गया.2 जुलाई 2020 की रात बिकरू गांव में सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाला मुख्य आरोपी विकास दुबे व उसके अन्य साथियों के एनकाउंटर मामले समेत 4 अन्य मामलों पर सभी पुलिस कर्मियों को क्लीन चीट दे दी गई है.

बिकरू गांव में हुई घटना के दूसरे दिन विकास के दो साथियों अतुल दुबे और प्रेम प्रकाश पांडेय को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था.इसके बाद हमीरपुर में अमर दुबे और पनकी इलाके में प्रभात पांडेय एनकाउंटर में मारा गया था.इसी तरह इटावा में भी बिकरू कांड में फरार बदमाश मारा गया था.वहीं मध्य प्रदेश में पकड़े गए मुख्य आरोपी विकास दुबे को कानपुर लाते समय सचेंडी के पास पुलिस की वो गाड़ी पलट गई थी जिसमें विकास दुबे मौजूद था.हादसे के बाद इंस्पेक्टर रमाकांत पचौरी की पिस्टल लूटकर भाग रहा विकास दुबे पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था.

आपको बता दें कि डीएम ने एडीएम भू अध्याप्ति को बदमाश प्रेम कुमार और अतुल दुबे के एनकाउंटर की मजिस्ट्रेट जांच सौंपी थी.जिस पर एडीएम ने अपनी जांच में कहा कि बदमाश अतुल दुबे , प्रेम कुमार कांशीराम नवादा गांव के बाहर बने मंदिर के पास छुपे हुए थे.सर्च ऑपरेशन के दौरान जब वहां पुलिस पहुंची तो दोनों बदमाशों ने पुलिस पर फायर झोंक दिया जिसके बाद जवाबी मुठभेड़ में दोनों बदमाश मारे गए.

इस पूरे मामले में आईजी मोहित अग्रवाल, तत्कालीन एसएसपी दिनेश कुमार पी बाल-बाल बच गए थे.मजिस्ट्रेट ने अपनी जांच में पुलिस की ओर से किए गए एनकाउंटर को सही मानते हुए पुलिसकर्मियों को क्लीन चिट दे दी है.इसी तरह विकास दुबे और प्रभात मिश्रा के एनकाउंटर की जांच भी न्यायिक टीम ने की थी.जांच रिपोर्ट में एनकाउंटर को सही मानते हुए पुलिस को क्लीन चिट दी गई है जिस पर डीएम आलोक तिवारी का कहना है कि जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है पुलिस को इसमें क्लीन चिट मिली है.
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