एडवाण्टेज कम्पनी संचालकों पर गबन कर धन हड़पने के आरोप के मुकदमे में मिली क्लीनचिट

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कंपनी संचालकों को मिली क्लीनचिट

ललितपुर में एडवाण्टेज कम्पनी संचालकों पर ग्राहकों का धन हड़पने के आरोप में दर्ज कराए गए मुकदमे की जांच में नामजद आरोपियों का कोर्ट की ओर से क्लीनचिट मिल गई है.साथ ही इस पूरे मामले की जांच कर रहे अधिकारी ने  झूठा मुकदमा दर्ज कराने वाली महिला के खिलाफ 182 के तहत केस चलाने के लिए स्पेशल जज को रिपोर्ट भी भेजी है.

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महिला ने कंपनी संचालकों पर लगाया था फ्रॉड करने का आरोप

महिला की ओर से लगाए गए आरोपों के बारे में बताया जाए तो मुहल्ला रामनगर निवासी शांति देवी ने पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र देकर बताया था कि 22 फरवरी 2016 को उसका पड़ोसी विनोद तिवारी उसके पास आया और कहा कि तुम अपनी तीनों पुत्रियों के नाम से हमारी कम्पनी में एफडी कर दो,जिसके बाद समय पूरा होने पर धन की दोगुनी राशि मिलेगी.कंपनी की ओर से आए विनोद तिवारी ने महिला के पति के नाम से 100 रूपये के स्टैम्प पर इकरारनामा लिखकर दिया कि यदि कंपनी एफडी का भुगतान नहीं करती है तो विनोद तिवारी खुद महिला की पुत्रियों के नाम से की गई एफडी का भुगतान करेंगे.

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पुलिस को गलत जानकारी देने और झूठा केस फाइल करने के आरोप में महिला के खिलाफ दायर किया गया है केस

विनोद तिवारी का भाई एडवाण्टेज,ऑपरेशन वन सागॉ और लक्क प्राइवेट बैंकों का संचालन कर रहे थे जो कि मौजूदा समय में इस तरह के किसी भी काम को नहीं कर रही है.विनोद तिवारी के भाई राहुल तिवारी ने बताया कि महिला की तीनों पुत्रियों की एफडी में जमा कराई गई धनराशि 7 लाख 50 हजार रुपये देने को कहा तो वो खुद ही गाली गलौच कर मारपीट करने को तैयार हो गए.इसी शिकायत के आधार पर पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर एफआईआर दर्ज कराई गई थी.

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ललितपुर पुलिस ने कंपनी चला रहे शख्स को बताया निर्दोष

वहीं तत्कालीन क्षेत्राधिकारी सदर केशव नाथ ने न्यायालय स्पेशल जज एससी एसटी एक्ट को पत्र लिखकर बताया है कि 8 फरवरी को विनोद तिवारी और राहुल तिवारी के खिलाफ धारा 406,504,352 और 3 {1} द,ध एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत कराया था,उन्होंने इसकी विवेचना की.जांच के दौरान इस पूरे मामले में जुर्म का होना नहीं पाया गया है.1 मार्च के इस मामले की फाइनल रिपोर्ट भेज दी गई थी,जिसमे बताया गया कि रामनगर निवासी शान्ति बाई ने झूठी सूचना देकर आरोपियों को परेशान करने का प्रयास किया है जिससे पुलिस का उपयोगी समय नष्ट हुआ है इसे देखते हुए महिला के खिलाफ धारा 182 आईपीसी के तहत अभियोग चलाए जान के लिए रिपोर्ट न्यायालय में दी गई है वहीं युवकों को क्लीनचिट देते हुए निर्दोष घोषित किया गया है…