कानपुर में बिकरु कांड के बाद एनकाउंटर में मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे के भतीजे अमर दुबे की पत्नी खुशी की रिहाई का मामला तूल पकड़ने लगा है. बीजेपी के एमएलसी उमेश द्विवेदी ने खुशी की रिहाई के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखी है. एमएलसी का कहना है कि बिकरु कांड के 10 महीने बाद भी उसके ऊपर कोई आरोप तय नहीं हुआ है. इसके बावजूद भी उसे जेल की सलाखों के पीछे रहना पड़ रहा है. उसका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं है.

कानपुर पुलिस की ओर से खुशी को विकास दुबे के शूटआउट के बाद गिरफ्तार किया गया था, हालांकि उस समय तक वो नाबालिग थी. इसलिए कोर्ट के आदेश पर उसे 14 सितंबर 2020 को बाराबंकी संप्रेक्षण गृह भेज दिया गया था.

चार दिन पहले उसकी अचानक सेहत बिगड़ गई थी, मुंह से खून और पेट में तेज दर्द होने पर उसे बाराबंकी जिला अस्पताल से लखनऊ रेफर कर दिया गया था. अभी उसका इलाज चल रहा है.

खुशी और अमर दुबे की शादी बिकरु कांड के 5 दिन पहले 29 जून, 2020 को हुई थी. खुशी दुबे का पति और बिकरु कांड के आरोपी अमर दुबे को STF की टीम ने 5 जुलाई, 2020 को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया था. खुशी दुबे को पुलिस ने बिकरु कांड में 120B का आरोपी बनाया था.

बीजेपी एमएलसी उमेश द्विवेदी ने कहा, सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि 10 माह पूर्व बिकरु कांड में एक महिला खुशी दुबे जिसकी शादी 9 दिनों पहले हुई थी उसे गिरफ्तार किया गया और 10 महीने बाद भी कोई आरोप तय नहीं हो पाया है. इसके बावजूद उसे जेल की सलाखों में रखा गया है.

जानकारी के अनुसार गंभीर अवस्था में वो मेदांता अस्पताल लखनऊ में जीवन मरण के बीच संघर्ष कर रही है. ऐसी स्थिति में उसका बेहतर इलाज हो और यदि अब तक कोई आरोप तय नहीं हुआ है तो उसे रिहा किया जाए.
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