यूपी की योगी सरकार ने समस्त जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वो अपने जिलों में शवों के अंतिम संस्कार को उचित तरीके से कराने का कार्य करें. शवों को नदियों व जल में प्रवाहित करने पर पूरी तरह रोक लगे.

आपको बता दें कि सरकार ने अति निर्धन, निराश्रित परिवारों तथा परिवारीजनों द्वारा अंतिम संस्कार में सहयोग नहीं कर पाने की दशा में शवों के अंतिम संस्कार में 5000 रुपये खर्च करने का आदेश पहले ही जारी किया है.जो कि ये खर्च राज्य वित्त आयोग की धनराशि से करने के आदेश हैं.

अपर मुख्य सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखे हैं. इसके लिए पूर्व में पंचायती राज विभाग और नगर विकास विभाग द्वारा जारी शासनादेशों का हवाला दिया है. जिसमें कोविड संक्रमण से मृत्यु की दशा में शवों के निस्तारण के लिए 5000 रुपये की धनराशि व्यय करने के लिए पंचायती राज विभाग तथा नगर विकास विभाग को अधिकृत किया गया है.

अपर मुख्य सचिव पंचायती राज ने लिखा है कि शवों का अंतिम संस्कार ना करके जल में प्रवाहित करने के प्रमुख कारणों में अंतिम संस्कार के लिए धन का अभाव, पंथ व परंपरा तथा कोविड से मृत व्यक्ति के शव को संक्रमण के डर से छोड़ देना है. लिखा है कि शासन स्तर से निर्धन परिवारों तथा कोविड-19 से मृत्यु की दशा में शवों के अंतिम संस्कार के लिए जब पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराई गई है तो कोई कारण नहीं बनता है कि शवों के अंतिम संस्कार की जगह नदियों में प्रवाहित किया जाए.

पंथ व परंपरा के प्रकरण में भी संबंधित को शव को जल में प्रवाहित करने से होने वाले दुष्प्रभावों को समझाते हुए शवों की अंत्येष्टि की जानी चाहिए.उन्होंने साफ निर्देश दिया है कि किसी भी दशा में शवों को नदियों में नहीं प्रवाहित किया जाना चाहिए.
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