गणतंत्र दिवस के दिन देश की राजधानी दिल्ली में लाल किले पर किसानों की ओर से की गई हिंसा के बाद अब किसानों में फूट नजर आने लगी है.वहीं दो किसान संगठनों ने खुद को इस आंदोलन से अलग करने का फैसला लिया है.अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीएम सिंह ने इस संबंध में कहा है कि उनका संगठन इस आंदोलन से खुद को अलग कर रहा है.साथ ही भारतीय किसान यूनियन ने भी किसान आंदोलन को अब खत्म करने की घोषणा की है.

इस पूरे बवाल के बीच दिल्ली पुलिस ने कहा है कि 26 जनवरी के दिन किसानों की ट्रैक्टर रैली को लेकर पुलिस के साथ हुए समझौते को तोड़ने के लिए योगेंद्र यादव, बलदेव सिंह सिरसा, बलबीर एस.राजेवाल समेत कम से कम 20 किसान नेताओं को नोटिस जारी किया है.जिन्हें 3 दिनों में जवाब देने के लिए कहा गया है.

वहीं दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा के सिलसिले में राकेश टिकैत, योगेन्द्र यादव और मेधा पाटकर सहित 37 किसान नेताओं के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज करने का काम किया है.साथ ही इनके खिलाफ दंगा, आपराधिक षड्यंत्र, हत्या का प्रयास सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में आरोप लगाया है.

आपको बता दें कि इस पूरे बवाल पर किसान नेता वीएम सिंह ने कहा कि गणतंत्र दिवस के दिन राजधानी दिल्ली में जो हुआ इन सब में सरकार की भी गलती को नकारा नहीं जा सकता है.उन्होंने कहा कि कोई 11 बजे की जगह 8 बजे निकल रहा है तो सरकार क्या कर रही थी?जब सरकार को इस बात की जानकारी थी कि लाल किले पर झंडा फहराने वाले को कुछ संगठनों ने करोड़ों रुपये देने की बात की थी तब सरकार ने कार्रवाई क्यों नहीं की ? आगे श्री सिंह ने कहा कि हम किसी ऐसे व्यक्ति के साथ कृषि कानूनों के विरोध को आगे नहीं बढ़ाने का काम नहीं कर सकते जिसकी दिशा साफ नहीं हो. इसलिए, मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं…मैं और अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति इस विरोध को तुरंत वापस लेने का ऐलान करते हैं.

पुलिस ने बताया कि ट्रैक्टर परेड में हिंसा में किसान नेताओं की भूमिका की जांच की जाएगी.हिंसा और तोड़-फोड़ में दिल्ली पुलिस के 394 कर्मी घायल हुए हैं जबकि एक प्रदर्शनकारी की मौत भी हुई है.पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में अब तक 25 FIR दर्ज की है.हिंसा के दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों से पिस्तौल 10 गोलियां और आंसू गैस के दो गोले लूट लिए.

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