उत्तर प्रदेश की चित्रकूट जेल के भीतर हुए खूनी संघर्ष के बाद योगी सरकार ने बड़ी कार्यवाही करते हुए जेलर सहित जेल के अधीक्षक को निलंबित कर दिया है.इसके साथ ही सीएम योगी ने इस पूरे मामले पर विभागीय कार्रवाई के आदेश भी दिए हैं.

आपको बताते चलें कि बीते दिन चित्रकूट जेल के भीतर अंशुल दीक्षित नाम के अपराधी ने जेल के भीतर ही मुख्तार अंसारी के खास गुर्गे का सदस्य माना जाने वाला मेराजुद्दीन और मुकीम काला को गोलियों से भून दिया था.जिसके बाद पुलिस ने अंशुल दीक्षित को सरेंडर करने को कहा लेकिन उसने पुलिस के सामने सरेंडर ना करते हुए उल्टा पुलिस पर ही गोली चला दी.

अंशुल दीक्षित के सरेंडर ना करने पर मजबूरन पुलिस को भी उस पर गोली चलानी पड़ी जिसके फलस्वरूप अंशुल दीक्षित भी पुलिस की गोलियों से मारा गया था.चित्रकूट जेल में हुए इस गैंगवार के बाद अशोक कुमार सागर को चित्रकूट का नया जेल अधीक्षक बनाया गया है.साथ ही सीपी त्रिपाठी को चित्रकूट जेल का नया जेलर बनाया गया है.

डीआईजी जेल प्रयागराज संजीव त्रिपाठी को अयोध्या डीआईजी का भी चार्ज दिया गया है,जबकि शैलेंद्र कुमार मित्रेय को डीआईजी जेल लखनऊ का चार्ज दिया गया है.इस पूरी घटना के बाद सीएम योगी फॉर्म में नजर आये और उन्होंने तत्काल जेल डीआईजी से रिपोर्ट मांगी है.बताया ये भी जा रहा है कि इस पूरी घटना के दौरान जेल में लगे सीसीटीवी कैमरे भी बंद थे.ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि जेल परिसर के भीतर आखिर इस तरह का गैरजिम्मेदाराना रवैया कैसे किया जा सकता है..

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