कोरोना वायरस की दूसरी लहर के चलते इस समय देश और दुनिया का हाल बेहाल है.कोरोना महामारी की चपेट में आने वाले लोग लगातार जान गंवा रहे हैं और संक्रमण से बचाव के लिए लॉकडाउन में लोग घरों में कैद से हो गए हैं.

ऐसे में डिप्रेशन और एंग्जायटी की समस्या भी मनुष्य के जीवन में आम होती जा रही है.लोग अपने-अपने तरीकों से इससे पार पाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अमेरिका और यूरोप में इसके लिए एक अनोखी तरकीब निकाली गई है. अमेरिकी लोग मानसिक शांति के लिए काउ हगिंग यानी गाय को गले लगा रहे हैं, जिसके लिए वे 200 डॉलर तक का भुगतान करने को तैयार हैं.

कांग्रेस नेता मिलिंद देवरा ने सीएनबीसी का एक वीडियो शेयर करते हुए कहा कि,अमेरिका में लोग गाय को गले लगाने के लिए एक घंटे का 200 डॉलर तक का भुगतान कर रहे हैं.उन्होंने लिखा कि इससे ये बिल्कुल साफ है कि भारत इसमें अमेरिका से आगे है,क्योंकि यहां गायों को 3000 सालों से पूजा जा रहा है.

गाय को गले लगाने के पीछे लोगों का मानना है कि इससे न केवल तनाव से राहत मिलती है बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिहाज से किसी पालतू जानवर का साथ बहुत फायदेमंद है. वैसे, भारत में गाय को सहलाने और गले लगाने की परंपरा काफी पुरानी है, ये दिलचस्प है कि अब दुनिया में ये ट्रेंड बढ़ रहा है और लोग गाय को अधिक महत्व देने को तैयार हुए हैं.

वहीं इस पर डॉक्टरों का कहना है कि गाय को गले लगाने का एहसास घर पर एक बच्चे या पालतू जानवर को पालने के समान है. एक हग हैप्पी हार्मोन ऑक्सीटोसिन, सेरोटोनिन और डोपामाइन को ट्रिगर करता है, जो कोर्टिसोल यानि कि तनाव हार्मोन को कम करता है. ये तनाव के स्तर, चिंता और अवसाद के लक्षणों को कम करता है.

जगजाहिर है कि गाय स्वभाव से शांत, कोमल और धैर्यवान होती हैं और गले लगाने वालों को उसके गर्म शरीर के तापमान, धीमी गति से दिल की धड़कन और बड़े आकार से फायदा होता है.ये सब प्रक्रिया शरीर के मेटाबोलिज्म, इम्यूनिटी और तनाव प्रतिक्रिया को रेगुलेट करने में मदद करती है.
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