गुरुवार से शहनाइयां बंद हो जाएंगी। यानि शादियों के लिए बुधवार का दिन आखिरी होगा। उसके बाद जोड़ों को एक होने के लिए एक महीने का इंतजार करना होगा। तब तक मंगल कार्य नहीं हो सकेंगे। ज्योतिषियों के अनुसार जनवरी से फरवरी तक होने वाले शुभ मुहुर्त में भी खूब महंदी सजने वाली है। इस बार भी 15 हजार से ज्यादा जोड़ियां बनी हैं।
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल खरमास 16 दिसंबर से शुरू हो रहा है, जो एक माह बाद 14 जनवरी यानी मकर संक्रांति के दिन समाप्त होता है। ज्योतिष के अनुसार 16 दिसंबर को सूर्य धनु राशि में प्रवेश कर रहे हैं इसी के साथ खरमास आरंभ हो जाएगा और 14 जनवरी को मकर राशि में सूर्य के प्रवेश करते ही खरमास समाप्त हो जाएगा।
इस दौरान किसी भी तरह के मांगलिक कार्य जैसे शादी-विवाह,मुंडन संस्कार आदि करना शास्त्रों के अनुसार वर्जित माना गया है। 16 जनवरी से मांगलिक कार्यों की शुरुआत होगी। जनवरी और फरवरी के महीने में विवाह के कई शुभ मुहूर्त रहेंगे। इस साल शहर के सभी दो हजार से ज्यादा होटल, वैक्विट हॉल नवंबर से दिसंबर तक के सभी शुभ मुहुर्तों में बुक थे।
इसलिए खरमास नहीं है शुभ
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार खरमास में सूर्य धनु राशि में प्रवेश करता है और मकर संक्रांति तक इसी स्थिति में रहता है। मान्यता है कि सूर्य जब धनु राशि में होता है तो इस दौरान मांगलिक कार्य शुभ नहीं होते हैं। इस अवधि में सूर्य मलीन (अशुभ) हो जाता है। मलीन सूर्य के कारण इसे मलमास भी कहते हैं।
मान्यता के अनुसार सूर्य अपने तेज को अपने गुरु के घर में पहुंचते ही समेट लेता है। प्रभाव छिपा लेता है और गुरु को साष्टांग नमन कर प्रभावहीन हो जाता है। मांगलिक कार्य में सूर्य की ऊर्जा की जरूरत होती है, प्रभावहीन होने की वजह से मंगलकार्य नहीं होते हैं।
Leave a Reply
View Comments