उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से मची भयानक तबाही में अबतक 14 लोगों के शव बरामद हो चुके हैं.वहीं अभी भी कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका बताई जा रही है.जिसके लेकर शासन और प्रशासन के लोग लगातार राहत व बचाव कार्य में जुटे हुए हैं.इस घटना के बाद उत्तराखंड के तपोवन में लगा पावर प्रोजेक्ट बुरी तरह तबाह हो गया है.

ITBP के जवानों ने अबतक टनल में फंसे करीब 12 लोगों को सुरक्षित निकाला है साथ ही दूसरे टनल में अभी भी करीब 30 और लोगों के फंसे होने की आशंका बताई जा रही है.जिसके चलते लगातार बचाव व राहत कार्य में लगे कर्मी तेजी से काम कर रहे हैं.

चमोली में रात भर बचाव व राहत का काम चलता रहा.आईटीबीपी के जवानों के अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार बचाव कार्य में जुटी हुई हैं.जिसके बाद कुछ ही देर में राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए जल्द ही वायुसेना को भी शामिल किया जाएगा.जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को बचाया जा सके.

आपको बता दें की उत्तराखंड में आई इस तबाही से सबसे ज्यादा नुकसान रैणी गांव के लोगों को हुआ है जहां सबसे पहले देश में चलने वाले पेड़ों को बचाने के लिए चिपको आंदोलन को चलाया गया था.यहां अब तक 100 से ज्यादा लोगों के लापता होने की बात बताई जा रही है.जिनको ढूढ़ने के लिए लगातार राहत कर्मी जुटे हुए हैं.साथ ही चमोली पुलिस ने सोशल मीडिया के माध्यम से ट्वीट कर आस-पास के लोगों को सतर्क रहने के लिए भी कहा है.

उत्तराखंड मे आई इस तबाही के बाद से ही लगातार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से फोन पर बात कर हरसंभव मदद की बात कर रहे हैं.प्रधानमंत्री मोदी ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2-2 लाख और गंभीर रूप से घायल लोगों के लिए 50-50 हजार रुपये देने का ऐलान किया है.जबकि उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मृतकों के परिजनों को 4 लाख रूपये का मुआवजा देने की घोषणा की है.

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