हामिद अंसारी और भाजपा में अदावत के पीछे क्या है असल राज?

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पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा (Pakistani Journalist Nusrat Mirza) के भारत में मेहमान बनकर आने और जासूसी करने के दावे से पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी फिर से बीजेपी के निशाने पर आ गए हैं। हामिद अंसारी (Former Vice President Hamid Ansari) को लेकर पाकिस्तानी पत्रकार के दावे पर बीजेपी (BJP) ने बुधवार को अंसारी और कांग्रेस पर निशाना साधा। पार्टी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि हामिद अंसारी ने अपने कार्यकाल में पाकिस्तानी पत्रकार को पांच बार न्योता देकर भारत बुलाया। उन्होंने हामिद अंसारी के साथ ही कांग्रेस की तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार की नीतियों पर भी सवाल खड़ा किया। वहीं, हामिद अंसारी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि बीजेपी और मीडिया का एक तबका उनके खिलाफ झूठ फैलता रहा है। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब हामिद अंसारी बीजेपी के निशाने पर हैं। हामिद अंसारी जब उपराष्ट्रपति पद पर थे, तब भी नरेंद्र मोदी सरकार से उनके संबंध बेहतर नहीं थे।

‘मेरे काम को देश और दुनिया में सराहा गया है’
हामिद अंसारी ने कहा कि पाकिस्तानी पत्रकार को न तो उन्होंने बुलाया और न ही कभी मिले हैं। हामिद अंसारी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि बतौर भारत के उपराष्ट्रपति विदेशी मेहमानों को बुलाने का फैसला उस समय की सरकार का था। अंसारी ने अपने बयान में कहा है कि मैंने 11 दिसंबर 2010 को इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑफ जूरिस्ट ऑन इंटरनेशनल टेरेरिज्म एंड ह्यमून राइट्स का उद्घाटन किया था। आमतौर पर ऐसे कॉन्फ्रेंस में मेहमानों की लिस्ट आयोजक तैयार करते हैं। मैंने कभी मिर्जा को नहीं बुलाया और न ही मिला हूं। हामिद अंसारी ने कहा कि ईरान में बतौर भारत के राजदूत का कामकाज सरकार की जानकारी में रहा है। देश की सुरक्षा के लेकर में प्रतिबद्ध हूं और इसपर बयान देने से हमेशा खुद को दूर रखता हूं। भारत सरकार के पास सारी जानकारियां है और वही केवल सच बता सकती है। ईरान में मेरा कार्यकाल रेकॉर्ड में दर्ज है। इसके बाद मुझे न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में भारत का स्थायी सदस्य बनाया गया था। मेरे काम को देश और दुनिया में सराहा गया है।

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अचानक जब राज्यसभा दफ्तर में आए पीएम मोदी
हामिद अंसारी को उपराष्ट्रपति पद के लिए चुना गया था और सर्वपल्ली राधाकृष्णन के बाद केवल दूसरे व्यक्ति हैं, जिन्होंने दो लगातार पूर्ण कार्यकाल के लिए भारत में दूसरा सर्वोच्च संवैधानिक पद संभाला है। उनके दूसरे कार्यकाल के तीन साल जो 2017 में समाप्त हुए, मोदी सरकार के समय के थे। पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने अपनी किताब ‘बाइ मेनी अ हैपी ऐक्सिडेंट: रीकलेक्शंस ऑफ ए लाइफ’ में लिखा है कि राज्यसभा के सभापति के रूप में उन्होंने तय किया था कि कोई भी विधेयक हंगामे के बीच पारित नहीं होने देंगे। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक दिन उनके दफ्तर आ गए थे। उन्होंने बताया कि पीएम मोदी ने पूछा था कि शोरगुल के बीच विधेयक क्यों नहीं पास कराए जा रहे हैं। हामिद अंसारी ने अपनी किताब में लिखा है कि पीएम मोदी ने उनसे कहा कि आपसे उच्च जिम्मेदारियों की अपेक्षा है लेकिन आप मेरी मदद नहीं कर रहे हैं। मैंने कहा कि राज्यसभा में और उसके बाहर मेरा काम सार्वजनिक है।

विदाई समारोह में जब हामिद अंसारी ने किया इस बात का जिक्र
अपने विदाई समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण पर खुद पर की गई टिप्पणी को लेकर पूर्व उपराष्ट्रपति ने अफसोस जताया था। अपनी किताब में इसका जिक्र करते हुए उन्होंने लिखा कि वह पीएम की टिप्पणियों को वह परंपराओं के विपरीत मानते हैं। अगस्त 2017 में राज्यसभा के सभापति का अंतिम दिन था। उपराष्ट्रपति अंसारी ने कहा, ‘मैंने 2012 में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के हवाले से कुछ कहा था। आज भी मैं उनके शब्दों को कोट कर रहा हूं। किसी लोकतंत्र की पहचान इससे होती है कि उसमें अल्पसंख्यकों की कितनी सुरक्षा मिली हुई है। लोकतंत्र में अगर विपक्षी समूहों को स्वतंत्र होकर और खुलकर सरकार की नीतियों की आचोलना करने की इजाजत न हो तो वह अत्याचार में बदल जाती है। अंसारी ने कहा, साथ में अल्पसंख्यकों की जिम्मेदारी भी जरूरी है। उनके पास आलोचना का अधिकार है लेकिन उस अधिकार का मतलब यह नहीं है कि संसद को बाधित करें। उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने अपने विदाई भाषण में शायराना अंदाज में राज्यसभा के सदस्यों को धन्यवाद कहा। उन्होंने अपने भाषण के अंत में कहा, ‘आओ कि आज खत्म करें दास्ताने इश्क, अब खत्म आशिकी के फसाने सुनाएं हम।

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हामिद अंसारी की वो बात जब आए बीजेपी नेताओं के निशाने पर
इंडियन-अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में इसी साल मानवाधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करने के मामले में पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी घिर गए थे। जनवरी के महीने में मानवाधिकारों की मौजूदा स्थिति पर डिजिटल तरीके से चर्चा में भाग लेते हुए हामिद अंसारी ने हिंदू राष्ट्रवाद की बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता जताई थी। हामिद अंसारी ने कहा कि हाल के वर्षों में हमने ऐसे ट्रेंड्स का उभार और वैसे व्यवहार देखे हैं जो पहले से स्थापित नागरिक राष्ट्रवाद के खिलाफ हैं और ये सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की काल्पनिक व्यवस्था को लागू करते हैं। अंसारी ने यह भी दावा किया, यह वर्तमान चुनावी बहुमत को धार्मिक बहुमत के रूप में पेश करते हैं और राजनीतिक शक्ति पर एकाधिकार करना चाहते हैं। इस मामले पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता व बिहार सरकार में मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने हामिद अंसारी पर निशाना साधते हुए कहा कि देश के मुसलमानों के लिए भारत से बेहतर कोई राष्ट्र नहीं हो सकता है। नरेंद्र मोदी से बेहतर कोई नेता नहीं हो सकता है और हिंदुओं से बेहतर कोई दोस्त नहीं हो सकता है। बिहार के उद्योग मंत्री हुसैन के अनुसार, अंसारी को भारत विरोधी प्रचार के लिए प्रसिद्ध भारतीय अमेरिकी मुस्लिम परिषद द्वारा आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सहमत नहीं होना चाहिए था।