शनि देव के गुस्से से बचने के लिए करें ये उपाय, शनि शुभ होने पर चमक जाएगी किस्मत!
शनि क्या शुभ फल भी देते हैं?
जी हां, शनि अशुभ ही फल प्रदान करते हैं ऐसा नहीं है. शनि शुभ होने पर अत्यंत शुभ फल प्रदान करते हैं. शनि शुभ हो तो व्यक्ति को उच्च पर, धन और मान सम्मान भी प्रदान करते हैं. शुभ होने पर शनि महाराज वाहन, भवन आदि का भी सुख प्रदान करते हैं यहां तक कि विदेश की सैर भी कराते हैं. इसलिए इस बात को दिमाग से निकाल देना चाहिए कि शनि अशुभ फल ही प्रदान करते हैं.
शनि कैसे रखें प्रसन्न
शनि को प्रसन्न रखने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. शनि नियम और अनुशासन को मनाने वाले ग्रह है. जो लोग नियम का पालन नहीं करते हैं, शनि उन्हें माफ नहीं करते हैं और अपनी दशा आदि में कष्ट प्रदान करते हैं. जिन लोगों की कुंडली में शनि अशुभ हैं, या शनि देव के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो उनके लिए पौष मास के प्रथम शनिवार बहुत ही शुभ योग बन रहा है. इस दिन शनि देव की कृपा पा सकते हैं कैसे? आइए जानते हैं-
पूस का महीना कब शुरू होगा पंचांग के अनुसार हिंदू कैलेंडर का दसवां महीना पूस यानि पौष मास 9 दिसंबर 2022 से प्रारंभ हो रहा है. जो 7 जनवरी 2023 को समाप्त होगा. हिंदू धर्म में पौष मास को महत्वपूर्ण माना गया है. इस महीने की विशेष धार्मिक मान्यता है. शनि देव को प्रसन्न करने के लिए यह महीना अच्छा माना गया है. पौष में सर्दी बढ़ जाती है. इस मास में शनि से जुड़ी चीजों का दान उत्तम फल प्रदान करने वाला बताया गया है.
शनिवार को कंबल का करें दान
शास्त्रों में शनि के जिन दानों की चर्चा की गई है, उसमें काला कंबल भी है. मान्यता है कि काला कंबल दान करने से शनि बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं. इस दिन जरूरतमंद लोगों का कंबल का दान करना चाहिए. इससे जीवन में आ रही बाधा दूर होती है. शनि से जुड़ी परेशानियां खत्म होती हैं. इसके साथ ही गर्म कपड़ों का दान भी इस दिन कर सकते हैं. शनि यदि कुंडली में अशुभ या जीवन में परेशानियां महसूस कर रहे हैं तो इस दिन ये उपाय, शनि के प्रकोप से बचा सकता है.
शनि अशुभ है कैसे लगाएं पता
शनि जब अशुभ होते हैं तो इस प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है-
प्रेम संबंधों में बाधा आती है, बार-बार ब्रेकअप का सामना करना पड़ता है.
धन की कमी बनी रहती है. कर्ज बढ़ने लगता है.
महत्वपूर्ण कार्यों में रुकावट आती रहती है.
मानिसक तनाव की स्थिति बनी रहती है.
पिता या ऑफिस में बॉस से संबंध अच्छे नहीं रहते हैं.
बिजनेस में परिश्रम के बाद भी मनचाही सफलता नहीं मिलती है.
प्रतिद्वंदी या शत्रु परेशान करते रहते हैं.
शिक्षा में रुकावट आती है.
गंभीर रोग घेर लेते हैं.
अधिक सोचने की प्रवृत्ति हो जाती है.
अज्ञात भय बना रहता है.
आलस के कारण कार्य अधूरे रहते हैं.
महत्वपूर्ण बातों को याद रखें
शनि का प्रसन्न रखना चाहते हैं तो दूसरों की निंदा नहीं करनी चाहिए. इसके साथ ही इन बातों का याद रखें-
धन का प्रयोग दूसरों का अहित करने के लिए न करें.
परिश्रम करने वालों को कभी न सताएं.
अपने धन और पद का गलत प्रयोग न करें.
प्रकृति को कभी हानि न पहुंचाएं.
जरूरतमंद लोगों की सदैव मदद करें.
गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों की सेवा करें.
कल्याणकारी कार्यों में रूचि लेना चाहिए.
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