
राजधानी लखनऊ की पहचान गोमती नदी मानो कहीं खो गई है। दूर-दूर तक जलकुंभी ही नजर आती है।
यह सब तब है जब गोमती की सफाई के लिए हर साल जोर-शोर से अभियान चलाया जाता है। अब तक कई बार सफाई के लिए बजट जारी किया जा चुका है।
ये तस्वीर कुड़िया घाट के पास बने नए फ्लाईओवर की है। जहां पर नदी नजर ही नहीं आ रही है। दूर से देखने पर लगता है कि जैसे यह घास का हरा मैदान हो।

जब भी लखनऊ का जिक्र आता है यहां की नजाकत और नफासत के साथ ही गोमती का भी जिक्र आ जाता है पर शहर की इस पहचान की बिल्कुल भी परवाह नहीं की जा
ये दृश्य कुड़ियाघाट का है। यहां पर नदी में हरतरफ जलकुंभी ही नजर आ रही है। ऐसा लग रहा है कि जैसे गोमती नदी कहीं गायब हो गई हो।
gomati river
गोमती को साफ करने के लिए न जाने कितनी बार अभियान चलाए गए पर नतीजा सिफर ही रहा। कभी स्वयं सेवी संगठनों ने, कभी विश्वविद्यालय के छात्रों ने तो कभी सरकार की तरफ से सफाई अभियान चलाया गया पर आज की हालत ये है कि यहां नदी नजर ही नहीं आ रही है।
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