रूस-यूक्रेन के बीच पिछले 10 दिनों से चल रहे युद्ध का असर भारत समेत दुनिया के कई देशों की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाला है आर्थिक दृष्टि से देखा जाए तो युद्ध का असर दुनिया के कई देशों पर पड़ता है और इसके कारण दुनिया की अर्थव्यवस्था चरमरा उठती है ऐसा पहला बार नहीं है कि 2 देशों के बीच हो रहे युद्ध का असर अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा इससे पहले भी देखा गया है कि.जब-जब दुनिया के किसी हिस्से में युद्ध का आगाज हुआ और युद्ध अगर लम्बे वक्त तक चला तो इससे महंगाई अपने चरम पर पहुंचती है। लेकिन रूस-यूक्रेन के युद्ध का असर भारत में किन-किन चीजों के ऊपर पड़ने वाला है इसका विश्लेषण कर आपको इस रिपोर्ट में हम बताएंगे।
रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग का असर अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों पर भी पड़ा है,इसका सीधा असर देश की आम जनता पर पड़ रहा है, भारत के संबंध रूस और यूक्रेन दोनों ही देशों से अच्छे हैं, लेकिन दोनों देशों के बीच की जंग का असर भारत के व्यापारिक संबंधों पर बुरा प्रभाव डाल रहा है,कच्चे तेल से लेकर पेट्रोल और डीजल के दामों पर इसका प्रभाव देखने को मिल रहा है, कच्चे तेल के दाम आसमान छु रहे हैं,जो आने वाले दिनों अपने पिछले कई रिकॉर्ड तोड़ सकता है।
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के 8वें दिन पूरी दुनिया रूस की निंदा कर रही है,रूस की सेना लगातार यूक्रेन के रिहायशी शहरों को अपना निशाना बना रही है और उस पर कब्जा करने की कोशिश में लगी हुई है,यूक्रेन की जनता रूस की वजह से अपना देश छोड़ने को मजबूर है और दोनों देशों के बीच भीषण युद्ध में कई भारतीय छात्र भी फंसे हुए हैं जिनकी सकुशल देश वापसी के लिए भारत लगातार प्रयासरत है और भारत सरकार की ओर से
ऑपरेशन गंगा के तहत कई भारतीय छात्र अब तक देश वापस आ चुके हैं।
-कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के बाद भारत की अर्थव्यवस्था अभी पटरी पर आनी शुरू ही हुई थी कि रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से बढ़ती महंगाई का असर आम आदमी की जेब पर पड़ने लगा,भारत की आर्थिक स्थिति और व्यापार को युद्ध से नुकसान पहुँच रहा है और महंगाई दर का ग्राफ भी ऊपर उठता जा रहा है। तेल की कीमतों में उछाल, महंगाई दर जिससे जनता पहले से ही परेशान है वो अब और तेजी से बढ़ रही है, प्राकृतिक गैस से लेकर गेहूं सहित कई अनाजों की कीमतों में भारी उछाल देखने को मिल रहा है।
पेट्रोल- डीजल, सीएनजी, रसोई गैस, सब्जी व फल, खाने का तेल, खाद, मोबाइल, लैपटॉप और गैस पर युद्ध का सीधा प्रभाव पड़ने वाला है, जापानी फाइनेंशियल कंपनी नोमुरा ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि रूस-यूक्रेन के बीच चल रही जंग से महंगाई का भारत पर दबाव बढ़ेगा रिपोर्टस के मुताबिक एशिया में सबसे ज्यादा भारत को ही इस युद्ध का नुकसान झेलना पड़ सकता है। भारत कच्चे तेल के लिए आयात पर निर्भर हैं और रूस भारत के लिए प्रमुख आयातक देश है, भारत 80 फीसदी तेल बाहर से आयात करता है, जिसके कारण भारत का आयात बिल पहले से अब बढ़ गया है।
साल 2021 के आखिरी महीनों में आम आदमी पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से परेशान था जिसके बाद 5 राज्यों में होने वाले चुनाव को देखते हुए केंद्र सरकार ने जनता को थोड़ी राहत दी लेकिन ये राहत अब लोगों पर भारी पड़ने वाली है जब रूस-यूक्रेन युद्ध लगातार बढ़ता ही जा रहा है। रूस दुनिया में गेहूं के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक है जबकि यूक्रेन गेहूं का चौथा सबसे बड़ा निर्यातक देश है लेकिन रूस-यूक्रेन की जंग से गेंहू अब कई सारे पश्चिमी देशों तक निर्यात के जरिए नहीं पहुँच सकेगा, इससे भारत समेत कई देशों में गेंहू की कीमतों पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।
फिलहाल रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध जल्द खत्म होता नजर नहीं आ रहा है,दुनिया के बड़े देशों की नजर इन 2 देशों पर टिकी है ऐसे में भारत की मुश्किलें भी आने वाले दिनों में महंगाई को लेकर बढ़ सकती हैं, खास करके आम आदमियों की जेब पर इसका अच्छा खासा असर पड़ने वाला है, जनता मोदी सरकार के कार्यकाल में पहले से ही महंगाई से त्रस्त हैं और मौजूदा युद्ध से देश में ईंधन की कीमत के साथ-साथ खाने की चीजों, सब्जियों-फलों और कई जरूरी उत्पादों की कीमत में इजाफा होने से समस्या बढ़ने वाली है।
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