
राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग 18 जुलाई को होगी। ऐसे में तमाम राजनीतिक दलों ने अपना रूख साफ कर दिया है। कुछ द्रौपदी मुर्मू तो कुछ यशवंत सिन्हा के पक्ष में खड़े हैं। वहीं यूपी में समाजवादी पार्टी ने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को समर्थन देने का ऐलान किया है। लेकिन उसके सहयोगी दल सुभासपा ने 15 जुलाई को एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को वोट देने का ऐलान किया।
बसपा ने भी इस चुनाव में द्रौपदी मुर्मू को अपना समर्थन देने का ऐलान किया है। ऐसे में राजनीतिक दलों के समर्थन के ऐलान के बीच यूपी में मुख्तार अंसारी के परिवार को लेकर दिलचस्प स्थिति बनी हुई है। दरअसल इस परिवार के सदस्य तीन अलग-अलग दलों में रहकर सियासी मैदान में सक्रिय हैं। वहीं राष्ट्रपति चुनाव में तीनों दलों की स्थिति भी अलग है। ऐसे में यूपी में अंसारी परिवार की चर्चा बनी हुई है।
परिवार में तीन अलग-अलग दलों से सियासत: मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी गाजीपुर लोकसभा सीट से बसपा सांसद हैं। बसपा के रूख को देखते हुए माना जा रहा है कि सांसद अफजाल अंसारी एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करेंगे। मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट से मुन्ना अंसारी सपा विधायक हैं। वो पूर्व विधायक सिबगतुल्लाह अंसारी के बेटे हैं। सपा का रूख यशवंत सिन्हा की तरफ है, तो साफ है कि वो पार्टी के फैसले के साथ होंगे।
वहीं मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में सुभासपा के टिकट पर मऊ से विधायक हुए हैं। 15 जुलाई को सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने ऐलान किया कि उनके विधायक राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू को समर्थन करेंगे। ऐसे में अब्बास अंसारी को पार्टी के फैसले के साथ जा सकते हैं।
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बता दें कि 18 जुलाई को देश में राष्ट्रपति चुनाव होगा। संयुक्त विपक्ष की तरफ से यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार बनाया गया है। वहीं एनडीए ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया है। दोनों ही नेता लंबे समय से राजनीति में हैं और विभिन्न पदों पर रह चुके हैं।
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गौरतलब है कि यशवंत सिन्हा आईएएस अफसर रह चुके हैं। इसके साथ ही वह तीन बार लोकसभा सांसद रहे और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में विदेश और वित्त मंत्री भी रह चुके हैं। वहीं द्रौपदी मुर्मू ओडिशा की रायरंगपुर से विधायक रहीं और बाद में झारखंड की गर्वनर और ओडिशा की ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर भी रह चुकी हैं।
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