यूपी चुनाव में अपने समीकरण पक्के करने के लिए हर राजनीतिक दल पूरी ताकत झोंक रहा है । दलों और नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इस बीच बसपा सुप्रीमो मायावती ने भाजपा और सपा पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए दोनों पर यूपी के चुनाव को नफरती रंग देने की कोशिश का आरोप लगाया है। बसपा चीफ ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि चुनाव में जिस तरह से धर्म और जाति की राजनीति हावी है उससे लगता है कि यह सब सपा और बीजेपी की अंदरुनी मिलीभगत के तहत ही हो रहा है।
यूपी विधानसभा चुनाव में जिस प्रकार से धर्म व जाति की राजनीति हावी है व मीडिया में भी ऐसी ख़बरें भरी पड़ी रहती हैं उससे ऐसा लगता है कि यह सब सपा व बीजेपी की अन्दरुनी मिलीभगत के तहत ही हो रहा है और वे चुनाव को हिन्दू-मुस्लिम व जातीय नफरती रंग देना चाहती हैं। जनता सतर्क रहे।
— Mayawati (@Mayawati) January 28, 2022
उन्होंने जनता से सतर्क रहने की अपील की और लिखा कि भाजपा-सपा चुनाव को हिन्दू-मुस्लिम और जातीय नफरती रंग देना चाहती हैं। इसके पहले सु्प्रीमो मायावती के निर्देश पर बसपा ने यूपी चुनाव के लिए शुक्रवार को प्रत्याशियों की एक और सूची जारी की है। इस सूची में 53 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की गई है। इसके साथ ही मायावती ने चौथे चरण की ज्यादातर सीटों पर उम्मीदवारों की लिस्ट फाइनल कर दी। इससे पहले मायावती ने गुरुवार को 59 नए टिकट घोषित किए थे जिसमें दो पुराने प्रत्याशियों को बदल कर दो नए उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है।

आपको बता दें की मायावती दो फरवरी को आगरा में रैली कर बसपा के चुनाव प्रचार अभियान का आगाज करने जा रही हैं। हालांकि, कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए चुनाव आयोग ने नेताओं को जनसभा या रोड शो करने की इजाजत नहीं दी है। 25 जनवरी को बसपा के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने इसकी जानकारी देते हुए कू पर लिखा था-”अवगत कराना है कि दिनांक 2 फरवरी 2022 को बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री माननीया बहन कु. मायावती जी आगरा में कोविड नियमों का पालन करते हुए जनसभा को संबोधित करेंगी। जनसभा का समय, स्थान और आगामी जनसभाओं की सूचना मीडिया बंधुओं को शीघ्र उपलब्ध कराई जाएगी।”
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