पिता के हाथ से छह महीने के बच्चों को छीनकर शनिवार रात दुनका गांव में बंदर ने दो मंजिला मकान की छत से फेंक दिया था, जिससे बच्चे की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद रविवार को दूसरे दिन भी कोई अधिकारी हालात का जायजा लेने गांव नहीं पहुंचा। इससे ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। अब उन्होंने बंदरों से मोर्चा लेने की योजना खुद ही बना ली है। मीरगंज इलाके के गांव दुनका में शनिवार रात आठ बजे गर्मी के चलते निर्देश उपाध्याय अपनी पत्नी स्वाति और छह माह के बेटे के साथ छत पर टहलने गए थे।
इस बीच वहां आए बंदरों के झुंड ने उन पर हमला कर दिया। स्वाति बंदरों से बचकर नीचे भाग गईं, लेकिन बंदरों का झुंड निर्देश पर टूट पड़ा। वह बंदरों से बचने का प्रयास करते रहे। इस दौरान एक बंदर उनके हाथ से छह महीने के बेटे को झपट ले गया। वह बच्चे को लेकर बराबर में दो मंजिला मकान पर चढ़ गया और उसे वहां से फेंक दिया। गंभीर घायल बच्चे को परिजन एक डॉक्टर के यहां ले गए। वहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
इस घटना के बाद ग्रामीणों में आक्रोश है। हालांकि इससे पहले भी बंदर कई लोगों को काटकर घायल कर चुके हैं, लेकिन इस तरह की घटना कभी नहीं हुई। वहीं घटना की सूचना के बाद भी कोई अधिकारी गांव नहीं पहुंचा, इससे ग्रामीणों का गुस्सा और बढ़ रहा है। अब उन्होंने खुद ही बंदरों से निपटने की योजना बनानी शुरू कर दी है। इसके लिए छतों पर लाठी-डंडों व ईट-पत्थर समेत अन्य सामान जुटाना शुरू कर दिया है।

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