क्यों काटनी पड़ेगी राजबब्बर को जेल ? 20 साल पहले क्या गुनाह किया था उन्होंने?

My Bharat News - Article b6470190 17ff 4447 a147 34ad199d3ae2

My Bharat News - Article b6470190 17ff 4447 a147 34ad199d3ae2

/एमएलए कोर्ट कांग्रेस नेता राज बब्बर को दो वर्ष की सजा सुनाई है। मतदान अधिकारी श्रीकृष्ण सिंह राणा ने दो मई 1996 को थाना वजीरगंज में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी राज बब्बर और अरविन्द यादव समेत कई लोगों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।

Raj Babbar News : कांग्रेस नेता राज बब्बर को दो वर्ष की सजा, 26 वर्ष पुराने मामले में एमपी/एमएलए कोर्ट ने सुनाया फैसला

लखनऊ, जेएनएन। पोलिंग बूथ में घुसकर मतदान प्रभावित करने और मतदान अधिकारी से दुर्व्यवहार व मारपीट करने के मामले में गुरुवार को लखनऊ एमपी/एमएलए की विशेष मजिस्ट्रेट कोर्ट ने तत्कालीन सपा प्रत्याशी राज बब्बर को दोषी करार दिया है। विशेष एसीजेएम अम्बरीष कुमार श्रीवास्तव ने अभियुक्त राज बब्बर को दो साल की साधारण कारावास की सजा सुनाई है।

इसके साथ ही कोर्ट ने राज बब्बर पर छह हजार 500 का जुर्माना भी लगाया है। हालांकि कानूनी प्राविधानों के मुताबिक सजा के बाद राज बब्बर को जमानत पर रिहा कर दिया गया। राज बब्बर कांग्रेस के नेता हैं। वह यूपी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उन्होंने कहा है कि इस फैसले के खिलाफ वह ऊपरी अदालत में अपील करेंगे।

कांग्रेस नेता राज बब्बर को जिस केस में एमपी/एमएलए कोर्ट ने दो वर्ष की सजा सुनाई है वह मामला वर्ष 1996 का है। मतदान अधिकारी श्रीकृष्ण सिंह राणा ने दो मई, 1996 को थाना वजीरगंज में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी राज बब्बर और अरविन्द यादव समेत कई लोगों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।

इसमें कहा गया है कि राज बब्बर समर्थकों के साथ मतदान स्थल में घुस आए और न सिर्फ मतदान प्रक्रिया प्रभावित की, बल्कि सरकारी काम में बाधा पहुंचाई और ड्यूटी पर मौजूद लोगों से दुर्व्यवहार और मारपीट किया। इस दौरान श्रीकृष्ण सिंह राणा के अलावा पोलिंग एजेंट शिव सिंह को चोटें आई थी।

केस की विवेचना के बाद 23 मार्च, 1996 को राजबब्बर और अरविंद यादव के विरुद्ध धारा 143, 332, 353, 323, 504, 188 आइपीसी एवं लोक प्रतिनिधित्व निवारण अधिनियम के अलावा 7 क्रिमिनल ला अमेंडमेंट एक्ट के तहत अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया था। इसी मामले को लेकर लखनऊ एमपी एमएलए कोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुनाया है। हालांकि इसके बाद कोर्ट ने उन्हें जमानत भी दे दी।

पूरी केस की विवेचना के बाद अभियुक्त राज बब्बर व अरविंद यादव के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल हुआ था। इस दौरान अरविंद यादव की मौत हो गई। लिहाजा अरविंद के विरुद्ध कार्यवाही उपशमित कर दी गई। सात मार्च, 2020 को राज बब्बर के खिलाफ आरोप तय हुआ था। विचारण के पश्चात अदालत ने अभियुक्त राज बब्बर को आइपीसी की धारा 143, 332, 353 व 323 में दोषी करार दिया। जबकि आइपीसी की धारा 188 व 504 तथा क्रिमिनल अमेंडमेंट एक्ट की धारा-7 में दोषमुक्त कर दिया।

बता दें कि राज बब्बर ने 80 के दशक के आखिर में फिल्मी दुनिया के साथ सियासत का सफर शुरू किया था। 1989 में उन्होंने वीपी सिंह के नेतृत्व में जनता दल का दामन थामा था। इसके बाद वह समाजवादी पार्टी में गए और तीन बार लोकसभा सांसद रहे। वर्ष 2004 में वह लोकसभा सांसद बने थे।

वर्ष 2006 में मुलायम सिंह यादव के साथ उनके रिश्ते खराब हो गए। समाजवादी पार्टी से उनकी विदाई हुई। 2008 में राज बब्बर कांग्रेस में शामिल हुए और 2009 में फिरोजाबाद से उन्होंने अखिलेश यादव को सबसे बड़ा झटका दिया। अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को उन्होंने शिकस्त दी। 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद राज बब्बर ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।