अक्सर भिखारी को भीख न देनी पड़े, इसलिए लोग चिल्लर नहीं होने का बहाना बनाते नजर आते हैं। लेकिन मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा के एक भिखारी ने इसका उपाय निकाल लिया है। इस भिखारी ने अपने गले में क्यूआर कोड लटका रखा है और लोगों से भीख की रकम ऑनलाइन पेमेंट करवाता है।
कौन है ये भिखारी
छिंदवाड़ा का रहने वाला एक भिखारी चर्चाओं में है। इसका नाम है हेमंत सूर्यवंशी। हेमंत का भीख मांगने का अंदाज भी निराला है। वह कहता है- बाबूजी चिल्लर नहीं तो फोन पे या गूगल पे से भीख दे दो। भिखारी का कहना है कि लोग डिजिटल तकनीक के चलते भीख भी आसानी से बारकोड स्कैन करके दे देते हैं।
जानें क्यों अपनाई यह तकनीक
भिखारी हेमंत सूर्यवंशी का कहना है कि अधिकतर लोगों से जब वह भीख मांगता था तो लोग चिल्लर नहीं होने का हवाला देते थे। इसके बाद उसे ऑनलाइन पेमेंट के जरिए भीख लेने आइडिया आया। बस तभी से उन्होंने डिजिटल तकनीक का सहारा लेते हुए बारकोड के जरिए भीख लेना शुरू किया है।
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