
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के हालिया जारी बयान के मुताबिक, आपको 1 साल के अंदर ही इलेक्ट्रिक गाड़ियों (Electric Cars) के दाम, पेट्रोल इंजन वाली गाड़ियों पर आने वाली लागत के बराबर देखने को मिल सकते हैं. समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक, गडकरी ने आयोजित एक सम्मेलन में अपनी बात रखते हुए कहा कि वे ऐसी कोशिश कर रहे हैं कि जिसमें आपको 1 साल के अंदर ही इलेक्ट्रिक गाड़ियों के दाम, पेट्रोल गाड़ियों पर आने वाली लागत के समान ही मिले. वहीं ऐसा करके हम जीवाश्म ईंधन जैसे- पेट्रोल,डीजल आदि पर होने वाले विदेशी मुद्रा के खर्च को भी बचा सकते हैं, वहीं आगे यह भी कहा है कि भारत सरकार एक बड़े स्तर पर हरित ईंधन को बढ़ावा देने में प्रयासरत है.
पेट्रोल व इलेक्ट्रिक व्हीकल के दामों में कितना है अंतर?- आपको बता दें कि इलेक्ट्रिक गाड़ियों और पेट्रोल वेरिएंट वाली गाड़ियों के फीचर्स में ज्यादा अंतर देखने को नहीं मिलते हैं लेकिन कीमत के मामले में आपको काफी ज्यादा अंतर देखने को मिलते हैं. समझने के लिए यहां पर आपको बता दें कि टाटा नेक्सन पेट्रोल वर्जन की कीमत 7.54 लाख रुपये से शुरू होती है. जबकि टाटा नेक्सन ईवी की शुरुआती कीमत 14.79 लाख रुपये है. तो ऐसे में आप समझ सकते हैं कि इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पेट्रोल वर्जन के मुताबिक लगभग दोगुने होते हैं.
क्या अभी इलेक्ट्रिक कार खरीदना उचित होगा या नही?- नितिन गडकरी के बयान के मुताबिक आप भी कार खरीदने के लिए एक साल इंतजार कर सकते हैं तो लाखों की बचत कर सकते हैं. दोनों मॉडल्स की प्राइस रेंज बराबर या फिर लगभग- लगभग करीब आती है तो उस व्यक्ति को इलेक्ट्रिक कार की खरीद पर लाखों रुपये की बचत भी देखने को मिल सकती है. हालांकि, इसमें कोई मतभेद भी नहीं है कि इलेक्ट्रिक कारों को चलाने का जो खर्चा आता है, वह पेट्रोल वेरिएंट वाली कारों की अपेक्षा बहुत कम होता है. तो इस प्रकार आप जब भी एक इलेक्ट्रिक कार को खरीदेंगे तो वह आपके लिए काफी किफायती साबित हो सकती है.
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