ऑकस ग्रुप से बाहर क्यों है भारत , एक्स्पर्ट्स ने दिया जवाब

My Bharat News - Article 6077dc0053d7d

ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका ने 15 सितंबर 2020 को एक नए संगठन की घोषणा की थी । जिसका  नाम दिया गाया ऑकस। इस संगठन को एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीन के प्रभाव को कम करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। उस वक्त कई लोगों ने सवाल पूछे कि जब एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीन के प्रभाव को कम करने के लिए क्वाड ग्रुप बना जिसमें भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका शामिल हैं तो फिर ऑकस की क्या जरूरत? और भारतीय लोगों के मन में एक सवाल था कि अगर ऑकस में भारत के मित्र देश हैं तो भारत क्यों नहीं इस ग्रुप में शामिल है।‘

आपको बता दें की तानवी मदन दुनियावी मसलों की एक्सपर्ट हैं। चीन पर विशेष नजर रखती हैं। उन्होंने ऑकस में भारत के न शामिल होने को लेकर अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा है कि ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका पार्टनर हैं और भारत ऐसा नहीं करना चाहता। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि ऑस्ट्रेलिया, ताइवान मसले पर खुलकर चीन के विरोध में है। अमेरिका ने भी ताइवान को लगातार मदद की है और दोनों देश आजाद ताइवान की वकालत करते हैं। लेकिन भारत का रुख ताइवान को लेकर चीन के विरोध का नहीं रहा है।

तानवी ने ताइवान मसले को भारत के ऑकस में नहीं शामिल होने को सबसे प्रमुख कारण बताया है। उन्होंने कहा है कि मेरा कहना है कि भारत हर गठबंधन में नहीं शामिल होगा। भारत अपने फायदे और नुकसान को देखते हुए गठबंधन में शामिल होगा।

भारत सरकार का इस बात पर स्टैंड

भारत के विदेश सचिव ने कहा था कि यह साफ हो कि क्वाड और ऑकस समान प्रकृति के ग्रुप नहीं हैं। उन्होंने क्वाड को लेकर बताया था कि इन देशों की विशेषताओं और मूल्यों की साझा दृष्टि है। वहीं उन्होंने ऑकस को एक सुरक्षा गठबंधन बताया था। उन्होंने कहा था कि हम इस गठबंधन के पक्षकार नहीं हैं। हमारे दृष्टिकोण से यह न तो क्वाड के लिए प्रासंगिक है और न ही इसके कामकाज पर इसका कोई प्रभाव पड़ेगा।