हिंदू धर्म में पूजा-पाठ का विशेष महत्व होता है. लोग घर और मंदिर जाकर भगवान की आराधना करते हैं. मान्यता है कि मंदिर जाकर पूजा करने से आत्मिक शांति प्राप्त होती है और भगवान का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है. लेकिन, मंदिर जाकर पूजा करने के कुछ नियम होते हैं. पूजा का फल प्राप्त करने और जीवन में शुभता बनाए रखने के लिए इन नियमों का पालन करना ज़रूरी होता है. यदि आप मंदिर में पूजा करने के दौरान गलतियां करते हैं तो इसे अशुभ माना जाता है, इसलिए आपको पूजा से जुड़े नियमों के बारे में ज़रूर जानना चाहिए. मंदिर में पूजा करने से जुड़े कई नियमों में एक है लोटा का नियम.
देवी-देवताओं की पूजा के लिए मंदिर जाते समय पूजा सामग्रियों के साथ हर व्यक्ति अपने साथ एक लोटा या कलश ज़रूर लेकर जाता है, लेकिन कभी भी खाली लोटा मंदिर लेकर नहीं जाना चाहिए.
क्यों खाली लोटा लेकर नहीं जाना चाहिए मंदिर
पूजा के लिए आप जब भी मंदिर जाएं तो अपने साथ एक लोटा अवश्य लेकर जाएं, लेकिन इस बात का खास ख्याल रखें कि लोटे में जल भरा हुआ हो. कई बार लोग ये सोचते हैं लोटे से पानी छलक जाएगा या फिर वे मंदिर जाकर ही लोटे में जल भर लेंगे. इस कारण वे घर से खाली लोटा ही लेकर मंदिर चले जाते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ये गलत नियम होता है. माना जाता है कि मंदिर में खाली लोटा लेकर जाने से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. साथ ही व्यक्ति को पूजा का संपूर्ण फल भी प्राप्त नहीं होता.
मंदिर से घर न लाएं खाली लोटा
मंदिर जाते समय ही नहीं बल्कि मंदिर से घर लौटते समय भी खाली लोटा लेकर नहीं आना चाहिए. पूजा के बाद थोड़ा जल लोटे में बचाकर रखना चाहिए और घर आने के बाद इस जल से पूरे घर पर छिड़काव करना चाहिए. इससे घर पर सकारात्मकता का संचार होता है और आर्थिक स्थिति को मजबूती मिलती है.
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