अफगानिस्तान में गरीबी एकदम चरम पर है । दिन-प्रतिदिन खराब होती आर्थिक हालत से यहां आम लोगों की जिंदगी भयानक होती जा रही है। बताया जा रहा है कि यहां लोग दो वक्त की रोटी के लिए अपनी किडनी तक बेच रहे है। हेरात के वेस्टर्न प्रक्षेत्र में लोग गरीबी और भूखमरी की स्थिति यह है कि यहां कई परिवार अपनी किडनी बेच कर भूख मिटाने पर मजबूर हैं। बताया जा रहा है कि जो लोग यहा किडनी बेच रहे हैं उनमें महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।
इस देश में कानून के मुताबिक यहां शरीर के अंगों का सौदा करना गैर-कानूनी माना जाता है।लेकिन इन परिवारों का कहना है कि जिंदा रहने के लिए उनके पास और कोई दूसरा रास्ता नहीं है। इधर तालिबान की तरफ से कहा गया है कि वो देश की अर्थव्यवस्था को बेहतर करने के लिए रास्ते तलाशने की कोशिश में जुटे हुए हैं।
आपको बता दें कि गरीबी की वजह से किडनी बेचने की खबरें पिछले साल भी सामने आई थीं और मीडिया में इसकी काफी चर्चा भी हुई थी। लेकिन अब अफगानिस्तान में और भी ज्यादा भयावह स्थिति उत्पन्न हो गई है। दुनिया के कई नेता इस चेतावनी को काफी गंभीरता से ले रहे हैं।
आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि अफगानिस्तान पर लगे प्रतिबंध को हटाने और वर्ल्ड बैंक द्वारा देश की करोड़ों की संपत्ति जारी करने के बाद यहां लोगों की स्थिति में काफी सुधार आ सकता है। अर्थशास्त्री अब्दुल नासिर ने कहा कि यहां सामानों के दामों काफी तेजी से बढ़े हैं जिसका खामियाजा समाज के अहम हिस्से को भुगतना पड़ रहा है।
अफगानिस्तान में राजनीतिक व्यवस्था बदलने के बाद विश्व बैंक, आईएमएफ और यूएस फेडरल रिजर्व ने अफगानिस्तान को मिलने वाली इंटरनेश्रनल फंड में कटौती कर दी है। न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक यहां बेरोजगारी, गरीबी और भूखमरी अब एक खतरनाक स्थिति पर पहुंच गई है।
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